सोशल मीडिया में भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने पर होगी सख्त कार्यवाही
आपत्तिजनक पोस्ट के लिए व्हाट्स एप ग्रुप एडमिन भी जिम्मेदार माना जाएगा
🖌📰 खरगोन से अनिल बिलवे की रिपोर्ट…
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सुश्री भव्या मित्तल ने भारतीय नागरिक संहिता-2023 की धारा 163(2) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर सोशल मीडिया व्हाट्स एप, फेसबुक एवं अन्य प्लेटफार्म पर आपसी वैमनस्यता फैलाने वाले, समाज की शांति भंग करने आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जो कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक क्यों अन्य प्लेटफार्म पर समाज की शांति भंग करने वाले आपत्तिजनक एवं भड़काऊ पोस्ट करेगा उसके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। यदि किसी व्हाट्सएप ग्रुप पर ऐसी पोस्ट की जाएगी तो इसके लिए ग्रुप एडमिन को भी जिम्मेदार माना जाएगा और उसके विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।
इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया है कि खरगोन जिला साम्प्रदायिक रूप से अतिसंवेदनशील होने से छोटी से छोटी घटनाओं पर तनाव की स्थिति निर्मित होकर कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित हो जाती है । पूर्व में भी जिले में साम्प्रदायिक घटना घटित हो चुकी हैं। अतः जिले कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संपूर्ण खरगोन जिलें की राजस्व सीमा में विभिन्न नागरिक, धार्मिक समुदाय के संगठनों द्वारा सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, उन कार्यक्रमों के आयोजनों की पूर्व अनुमति प्राप्त करें एवं आयोजन को दौरान कोई भड़काऊ नारा, पोस्टर, बैनर आदि का प्रदर्शन एवं प्रसारण सोशल मीडिया में न किया जाये। व्हाट्सअप, फेसबुक, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि इंटरनेट प्लेटफार्म यूजर द्वारा कोई ऐसा आपत्तिजनक पोस्ट जिससे धार्मिक भावना भड़के एवं किसी सम्प्रदाय विशेष की भावना उल्लेखित हो, ऐसे पोस्ट को प्रसारित न करें और न ही सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना एवं अफवाहें फैलाएं । व्हाट्सअप ग्रुप एडमिन तथा ग्रुप से जुड़े यूजर धार्मिक भावना भड़काने वाले पोस्ट को प्रसारित न करें एवं ग्रुप के यूजर को ऐसा करने से रोके, ग्रुप एडमिन व्हाटस एप/फेसबुक एवं अन्य बनाये गये ग्रुप का मुखिया होता है, यदि उसके ग्रुप का कोई भी सदस्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला संदेश, फोटो या वीडियो डालता है तो ग्रुप एडमिन की जवाबदारी होगी। किसी भी धर्म सम्प्रदाय के संबंध मे आपत्तिजनक टिप्पणी या चित्र कभी भी लाईक या फारवर्ड अथवा शेयर न करें। कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई अनुचित मुद्रण या प्रकाशन नहीं करेगा, जिससे साम्प्रदायिक तनाव अथवा समुदायों के बीच वैमनस्य उत्पन्न हो। किसी भी साइबर कैफे के संचालक द्वारा किसी भी अनजान व्यक्ति, जिसका परिचय किसी विश्वसनीय प्रमाण-पत्र जैसे परिचय पत्र, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, ड्राइविंग लायसेंस, पासपोर्ट फोटो युक्त, क्रेडिट कार्ड, पैन कार्ड या ऐसे ही अन्य साक्ष्य से प्रमाणित न हो, को साइबर कैफे का उपयोग नहीं करने दिया जाएगा। कैफे संचालक समस्त आगन्तुकों/प्रयोगकर्ताओं का रजिस्टर रखे बिना सायबर कैफे संचालित नहीं किया जाएगा। सभी आगन्तुकों/प्रयोगकर्ताओं को उनके हस्तलेख में नाम, पता, दूरभाष नम्बर तथा परिचय का प्रमाण पत्र अंकित कराए बिना साइबर कैफे का प्रयोग वर्जित होगा। साइबर कैफे में बिना वेब कैमरा लगाए जिसमें प्रत्येक आगन्तुक/प्रयोगकर्ताओं की फोटो खींची जा सके तथा उसका अभिलेख सुरक्षित रखा जा सके, संचालित नहीं किया जाएगा। यह अभिलेख कम से कम छह माह तक सुरक्षित रखना होगा।
यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा तो उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही की जायगी।